देश में चुनाव एक साथ कराने से जुड़े सरकार के प्रस्ताव पर मौसम की स्थिति और जलवायु को ध्यान में रखना चाहिए : मृत्युंजय महापात्र

नई दिल्ली
देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से जुड़े सरकार के प्रस्ताव पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि अधिकारियों को इतनी बड़ी कवायद की योजना बनाते समय निश्चित रूप से मौसम की स्थिति और जलवायु को ध्यान में रखना चाहिए। महापात्र ने एक साक्षात्कार में कहा कि आम चुनाव के दौरान भीषण गर्मी के मद्देनजर मौसम विभाग अधिकारियों को बेहतर तैयारी में मदद करने के लिए पूर्वानुमान संबंधी सूचना प्रदान कर रहा है, लेकिन उसने रैलियों और मतदान के समय में बदलाव की सलाह नहीं दी है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' कराने के लिए आदर्श समय के बारे में पूछे जाने पर आईएमडी महानिदेशक ने कहा कि अधिकारियों को योजना बनाते समय मौसम की स्थिति और जलवायु पर विचार करना चाहिए।

सरकारी खजाने पर बोझ घटेगा
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक साथ चुनाव कराने के विचार के संदर्भ में है। सरकार ने यह विचार प्रस्तावित करते हुए कहा है कि इससे हर साल कई बार चुनाव अधिकारियों और सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं करनी पड़ेगी और सरकारी खजाने पर बोझ घटेगा तथा राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार पर किये जाने वाले खर्च में कमी आएगी। इस साल, नौ अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने के दौरान लगभग एक अरब लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। हालांकि, चुनाव के दौरान भीषण गर्मी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

रैलियों, सभाओं और मतदान के लिए उपयुक्त व्यवस्था
आईएमडी के अनुसार, इस अवधि के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में ज्यादातर दिन लू चलने का अनुमान है। महापात्र ने कहा कि मतदाताओं और कर्मचारियों के बीच भीषण गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। भीषण गर्मी के पूर्वानुमान के मद्देनजर उन्होंने कहा कि चुनाव के दिनों में रैलियों, सभाओं और मतदान के लिए पानी, शीतलन सुविधाएं और गर्मी से देखभाल के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

निर्वाचन आयोग ने पहले आईएमडी से परामर्श किया
महापात्र ने कहा, ‘‘लोग कतार में लगते हैं, तो उनके पास पर्याप्त पेयजल होना चाहिए। अगर लोग बेहोश होते हैं या लू की चपेट में आते हैं तो मदद के लिए प्राथमिक चिकित्सा का इंतजाम और स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता होनी चाहिए…छायादार जगह की व्यवस्था होनी चाहिए। तैयारियों के संदर्भ में यह न्यूनतम आवश्यकता है।'' उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले आईएमडी से परामर्श किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने प्रारंभिक चरण में देश के विभिन्न हिस्सों के लिए मार्च, अप्रैल, मई और जून की जलवायु संबंधी जानकारी प्रदान की ताकि वे विवेकपूर्ण निर्णय ले सकें कि उन्हें किस हिस्से में और किस समय चुनाव कराना चाहिए।'' महापात्र ने कहा, ‘‘हम दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और मौसमी आधार पर सभी प्रकार के पूर्वानुमान और अलर्ट भी जारी कर रहे हैं।'' मौसम विभाग ने उन क्षेत्रों को चिह्नित किया है जहां सामान्य से अधिक तापमान रहने और लू चलने की संभावना है। मौसम विभाग तापमान, आर्द्रता, हवा की रफ्तार के आधार पर महसूस होने वाली गर्मी के स्तर को लेकर भी पूर्वानुमान जारी कर रहा है जिससे बेहतर तरीके से पता चलेगा कि लोगों को घर से बाहर किस तरह के मौसम का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही रात के दौरान गर्मी के बारे में भी अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।

मौसम के संबंध में हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा
महापात्र ने कहा कि मौसम के संबंध में हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है और लोगों, जिला प्रशासकों और राज्य-स्तरीय अधिकारियों को जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्तर और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य, बिजली, श्रम, कृषि, जल संसाधन और कई अन्य हितधारकों के साथ-साथ निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोगों को नियमित रूप से यह जानकारी प्रदान की जा रही है। महापात्र ने कहा कि यह जानकारी निश्चित रूप से उन्हें चुनाव प्रक्रिया के अनुसार योजना बनाने में मदद करेगी। यह पूछे जाने पर कि चुनाव के दौरान कितनी भीषण गर्मी पड़ेगी, आईएमडी प्रमुख ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है, मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इसकी काफी संभावना है।
 

India Edge News Desk

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