आखिर क्या है अजनारा निवासियों की मांगें?

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा :नहीं मांगते भीख किसी से, हमें हमारा हक चाहिए।
यह आवाज उठी है ग्रेटर नोएडा, एक मूर्ति से। अजनारा होम्स एवं अजनारा ली गार्डन के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में यह आवाज उठी है। बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों की कई मांगे हैं। हमने उनसे बातचीत करके यह जानने का प्रयास किया की आखिर उनकी मांगे क्या है?

सोसायटी के लोगों ने बताया कि सेक्टर 16B, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ए पी वी रियल्टी लिमिटेड, जो कि अजनारा इंडिया लिमिटेड की सहायक कम्पनी है अपनी आवासीय योजना अजनारा होम्स को वर्ष 2010 में लेकर आई । आधे अधूरे इंफ्रास्ट्रक्चर एवं नगण्य सुविधा के साथ वर्ष 2017 से प्रथम फेज के कुछ टावर्स के फ्लैट्स का पजेसन देना प्रारम्भ किया। अधिकतम फ्लैट खरीददारों ने अपने पसीने से कमाए पैसों से तो कुछ ने बैंकों से लोन लेकर फ्लैट्स बुक कराये थे। जो एक तरफ अनवरत अपनी किस्तें ब्याज सहित दे रहे थे। तो दूसरी ओर किराये के घर में रहकर अपने फ्लैट को पाने के लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, शासन एवं प्रशासन से गुहार लगा रहे थे। ऐसे में इतने लम्बे अंतराल के बाद आधे अधूरे मिले फ्लैट में जाने के लिए विवश हुए। इस पूरी आवासीय योजना को तीन फेज में बनाया गया। फेज-1 (टावर A /B/B1 /C /D/E/F/G -कुल-8 टावर्स ), फेज -2 (I /J /K /L /M – कुल 5 टावर्स) के फ्लैट्स में पजेसन दिया गया है। अभी कुछ माह पूर्व फेज-3 में निर्मित आधे अधूरे टावर-O के फ्लैट्स में पजेसन देना प्रारम्भ किया है, जबकि टावर-N को अभी तक बनाने में बिल्डर असफल रहा है, जबकि इसके पजेसन की तिथि बहुत पहले निकल चुकी है तथा इसकी प्रगति देखकर लगता नहीं कि बहुत शीघ्र इसे बना पायेगा।

इस पूरे परिदृश्य में देखें तो फ्लैट खरीददारों का जमकर शोषण हुआ है एवं उनको आर्थिक एवं मानसिक यातना से आज भी गुजरना पड़ रहा है। पजेसन के पांच साल बाद भी बिल्डर अभी तक बिल्डर बायर एग्रीमेंट के अनुरूप सुविधाएँ एवं मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में बुरी तरह फेल हुआ है जबकि कामन एरिया मेंटेनेंस के नाम पर प्रतिमाह एक मोटी रकम मनमानी ढंग से बिजली के प्रीपेड मीटर से काट रहा है। यदि कोई प्रीपेड मीटर से मेंटेंनेस चार्ज देने से मना करता है तो उसके फ्लैट की पावर सप्लाई काट दी जाती है।

हमने अपनी समस्याओं को ग्रेटर नॉएडा अथॉरिटी के समक्ष उठाया, शासन को लिखा, अपने माननीय विधायक एवं लोक सभा सदस्य के संज्ञान में लाये किन्तु ऐसा लगता है कि सभी सक्षम संस्थाएं बिल्डर के प्रतिकूल कोई कदम नहीं उठाना चाहती हैं एवं हम जैसे सामान्य नागरिक की समस्याओं का समधान नहीं करना चाहती हैं। वह कौन सी मजबूरी है कि ग्रेटर नॉएडा अथॉरिटी जैसी शक्तिमान संस्था बिल्डर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाती।

अजनारा होम्स में लम्बे समय से चली आ रही कुछ प्रमुख समस्याएं निम्न बिंदुओं में रेखांकित की गयी हैं

1. भूमिगत पार्किंग की दयनीय स्थिति : बिल्डर पजेसन के पांच वर्ष बाद भी भूमिगत पार्किंग को पूरा नहीं कर पाया है जिससे लोग अपनी गाड़ियों की पार्किंग अपने नियत स्थान पर नहीं कर पाते हैं जिससे आए दिन समस्याएं होती रहती हैं। इसमें सोसाइटी के कचरे एवं अपशिष्ट को डंप किया जाता है एवं साल भर सड़ते पानी के एकत्रित रहने से बिल्डिंग की नींव कमजोर हो रही है। थोड़ी सी बारिस में पूरी भूमिगत पार्किंग लबालब भर जाती है। लिफ्ट अभी तक पार्किंग तल तक नहीं जाती, पर्याप्त लाइट्स नहीं होने से अँधेरा छाया रहता है, सुरक्षा एवं संरक्षा की कोई ब्यवस्था नहीं होने से डरावना लगता है। गंदे पानी एवं कचरे के ढेर से कई तरह की बीमारियां सोसाइटी के लोगों को अपना शिकार बना रही हैं।

2 .रजिस्ट्री की समस्या: सबसे महत्वपूर्ण यह कि फेज-2 एवं 3 के फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इसका कारण बिल्डर के ऊपर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की देनदारी है जिससे बिल्डर को रजिस्ट्री कराने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। फ्लैट खरीददार सम्पूर्ण भुगतान के बाद भी अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं इसमें फिर किसकी जिम्मेदारी है ? बिल्डर रजिस्ट्री के पैसे भी जमा कराके बैठा हुआ है।

3 . अधूरा फायर फाइटिंग सिस्टम: सम्पूर्ण सोसाइटी में जहाँ इतने लोग फ्लैट्स में रह रहे हैं , वहां किसी में भी फायर डिटेक्शन सिस्टम काम नहीं कर रहा है। यह जीवन सुरक्षा से जुड़ा मामला है किन्तु शिकायतों के बाद भी बिल्डर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इससे बिल्डर की असम्वेदनशीलता का अनुमान सहज लगाया जा सकता है।

4. गेट नम्बर-1 नहीं खोलना: पजेसन देने के पांच साल बाद भी एक ही गेट का प्रचालन किया जा रहा तथा हमारे बार बार अनुरोध के बाद भी बिल्डर गेट संख्या -1 नहीं खोल रहा है, जिससे सभी निवासियों को समस्या हो रही है। यह सोसाइटी का प्रमुख गेट है किन्तु इसकी पहचान कूड़े के ढेर से की जा सकती है। बिल्डर ने इसे अपने अनुप्रयुक्त कचरों को फेंकने के लिए डंपिंग यार्ड बना रखा है. बिल्डर की इस मनमानी पर कब रोक लगेगी ? यह गेट कब से सोसाइटी में रहने वाले लोगों के लिए खोला जायेगा ?

5. अर्धनिर्मित क्लब: पांच साल या इससे पूर्व क्लब का चार्ज अग्रिम रूप से सबसे ले लिया गया किन्तु उसका भी निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इसका मतलब ये हुआ कि बिल्डर ने हमारे पैसे का गबन कर लिया तथा अपने निजी हित में लगा लिया।

6. किड्स एरिया गायब: सोसाइटी के ले आउट में बच्चों के लिए किड्स एरिया को विकसित करके बिल्डर को देना था लेकिन लगता है बिल्डर ने हमारे छोटे छोटे बच्चों के बचपन को ही निगल गया। इतनी क्षमता वाली सोसाइटी में केवल एक किड्स प्ले एरिया बनाया है जिसमें थोड़े बहुत झूले आदि लगाए हैं उनकी भी मरम्मत नहीं करता।

7. मनमाना मेंटेनेंस चार्ज एवं दयनीय रख रखाव व्यवस्था: कॉमन का रखरखाव चार्ज सबसे अधिक संभवतः अजनारा होम्स का ही है और वास्तव में खर्च की जानी वाली राशि सबसे कम। सबसे अकुशल सुरक्षा एजेंसी, सबसे निकम्मी सफाई व्यवस्था , फ्लैट्स में रहने वाले लोगों के कम्प्लेंट को अटेंड करने में अत्यधिक देरी, कॉमन एरिया के बुझे हुए बल्ब, स्पोर्ट्स एरिया यथा- बैडमिंटन, बास्केटबाल एवं अन्य कोर्ट्स की दयनीय स्थिति एवं अपर्याप्त लाइटिंग, स्विमिंग पूल की दुर्व्यस्था – अजनारा बिल्डर की यही असली पहचान बन गयी है।

8. बिजली/डी जी का अतार्किक फिक्स्ड एवं उपयोग चार्ज: बिल्डर हर महीने अजनारा होम्स के निवासियों से बिजली/डी जी का मनमाना चार्ज वसूल रहा है। रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में आए दिन पावर सप्लाई फेल होती रहती है और सोसाइटी में लगाए गए डी जी सेट चलते नहीं हैं।

9 . सोसाइटी के अंदर में अजनारा के अनिधिकृत मार्केटिंग ऑफिस/मटेरियल स्टोर: बिल्डर अभी भी अपना मार्केटिंग ऑफिस बंद नहीं किया है तथा सोसाइटी में कब्ज़ा जमाये पड़ा है। अपने अस्थाई स्टोर बनाकर रखा हुआ है जिनमें लोगों को पार्किंग स्लॉट आवंटित है। बिल्डर को यह भलीभांति मालूम है कि उसकी मनमानी पर कोई कार्यवाही करने वाला नहीं है।

10. AOA बनाने में असहयोगात्मक रवैया : अजनारा होम्स के हम सभी रेसिडेंट्स ने आम सभा बुलाकर AOA बनाने के लिए प्रस्ताव पारित कर, बिल्डर से अपील किया कि उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट ( प्रमोशन ऑफ़ कंस्ट्रक्शन, ओनरशिप एवं मेंटेंनेस) एक्ट -2010 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अजनारा होम्स में AOA का विधिवत गठन करने की प्रक्रिया शुरू करे क्योंकि सोसाइटी के 33 % से अधिक फ्लैट्स (कुल 2269 में से अनुमानित 1500 से अधिक फ्लैट्स) का पजेसन दिया जा चुका है किन्तु आज दो माह बीत गए , बिल्डर आगे नहीं आ रहा है जबकि रेरा का भी सख्त आदेश है कि बिल्डर को AOA का गठन करना होगा किन्तु अजनारा बिल्डर इतना मनमाना एवं अराजक रवैया अपनाये हुए है कि उस पर किसी भी शासन, प्रशासन एवं अथॉरिटी का कोई प्रभाव पड़ता नहीं दीख रहा है। AOA बनाने के लिए हम लोग आगे बढे तो बिल्डर आवश्यक डाक्यूमेंट्स नहीं दे रहा है जिसके बिना AOA का निर्माण एवं रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता।

India Edge News Desk

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