जी-20, आतंकवाद, भ्रष्टाचार और अर्थव्यवस्था पर क्या बोले पीएम मोदी, पढ़ें इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें
पीएम नरेंद्र मोदी ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पिछली सरकारों को दूसरे राज्यों के लोगों पर भरोसा नहीं था, इसीलिए पहले वैश्विक स्तर के कार्यक्रम दिल्ली से बाहर आयोजित नहीं होते थे.
दिल्ली: समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 सम्मेलन, देश की अर्थव्यवस्था, रूस-यूक्रेन युद्ध, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, जातिवाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि 2047 तक भारत विकसित देशों की सूची में शामिल हो जाएगा |
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि गैरजिम्मेदार वित्तीय नीति और लोकलुभावन वादे अल्पकालिक राजनीतिक लाभ दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में इसके सामाजिक परिणाम होंगे सामाजिक और आर्थिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. वहीं, जी-20 सम्मेलन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह उनके दिल के बेहद करीब है. इसके माध्यम से दुनिया हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को सिर्फ विचार के रूप में नहीं बल्कि भविष्य के रोडमैप के रूप में देख रही है। रविवार (3 सितंबर) को पीटीआई की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू जारी किया गया |
आइए जानते हैं इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं, जिनमें से कुछ उनके दिल के बहुत करीब हैं। कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी-20 बैठक आयोजित करने पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बैठकें देश के हर हिस्से में हो सकती हैं.
- पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछली सरकारों को दूसरे राज्यों के लोगों पर भरोसा नहीं था. , इसलिए उन्होंने दिल्ली के बाहर उच्च प्रोफ़ाइल वैश्विक स्तर के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए।उन्होंने कहा कि सबसे पिछड़े और उपेक्षित लोगों को संबोधित करने के लिए उनकी सरकार का घरेलू दृष्टिकोण वैश्विक स्तर पर उनका मार्गदर्शन कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता का विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि देश के सांस्कृतिक लोकाचार से निकला एक व्यापक दर्शन है.
- प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि छोटी अवधि में वित्तीय नीतियां और लोकलुभावन वादे हमें राजनीतिक लाभ दे सकते हैं, लेकिन अगर इनका असर लंबे समय में दिखेगा तो सामाजिक और आर्थिक तौर पर इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियों का खामियाजा सबसे गरीब और कमजोर लोगों को भुगतना पड़ता है।
- प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक महंगाई जैसे मुद्दों से निपटने के लिए समय पर नीतिगत रुख स्पष्ट होना जरूरी है. दुनिया के सामने महंगाई एक बड़ा मुद्दा है, भारत की जी20 अध्यक्षता के जरिए यह भी माना गया कि एक देश में महंगाई विरोधी नीतियां दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लंबे समय तक भारत को भूखमरी के देश के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज इसकी तस्वीर बदल गई है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखा जाता था जहां अरबों लोग भूख से पीड़ित हैं, जबकि आज भारत के पास 1 अरब आकांक्षी दिमाग और 2 अरब कुशल हाथ हैं।
- 9 साल के कार्यकाल के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई सुधार हुए इस अवधि के दौरान हुआ और विकास इसका एक उदाहरण है। आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का बहुत अच्छा अवसर है, जिसे अगले हजारों वर्षों तक याद रखा जाएगा।