क्या वजह रही कोमल जंघेल के हार की?
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने शनिवार को खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने भाजपा की कोमल जंघेल को रिकार्ड 20,176 मतों से हराया। खैरागढ़ निर्वाचन क्षेत्र, जो राजनांदगांव जिले में आता है, पिछले साल नवंबर में जेसीसी (जे) विधायक और पूर्व सांसद देवव्रत सिंह की मृत्यु के बाद खाली हो गया था। राज्य के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में स्थित इस सीट पर हुए उपचुनाव में 77.88 फीसदी मतदान हुआ।
कुल 10 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों ने महसूस किया कि इस बार लड़ाई वस्तुतः सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच थी क्योंकि 2020 में अजीत जोगी के निधन के बाद जेसीसी (जे) ने अपनी जमीं खो दी थी।
देवव्रत सिंह, जो खैरागढ़ के तत्कालीन शाही परिवार से थे, ने 2017 में कांग्रेस छोड़ दी और अगले साल जेसीसी (जे) में शामिल हो गए। उन्होंने खैरागढ़ से जेसीसी (जे) के टिकट पर 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार कोमल जंघेल को 870 मतों के मामूली अंतर से हराया।
इस बार, भाजपा ने एक बार फिर पूर्व विधायक कोमल जंघेल को उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस की खैरागढ़ ब्लॉक इकाई की प्रमुख यशोदा वर्मा सत्ताधारी पार्टी की उम्मीदवार थीं। जंघेल और सुश्री वर्मा दोनों लोधी जाति से ताल्लुक रखती हैं, जो खैरागढ़ क्षेत्र में संख्यात्मक रूप से शक्तिशाली ओबीसी समुदाय है।
कांग्रेस की जीत में सबसे अहम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा को माना जा रहा है। यही वजह है कि पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर आने के बाद कांग्रेस ने इस उपचुनाव में रिकार्ड मतों के अंतर से जीत हासिल की है। कांग्रेस कार्यकर्ता भूपेश बघेल का मुखौटा लगाकर जीत का जश्न मना रहे हैं।
खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी मोर्चा संभाला हुआ था। अकबर ने न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जनता तक कांग्रेस की बात को पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोहम्मद अकबर को अहम जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे पूरी संजीदगी से निभाते हुए मोहम्मद अकबर ने स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने में अहम भूमिका दिलाई।
खैरागढ़ उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 71 होने हो गई है। दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन कर तीनों सीटों में जीत हासिल की थी। अब कांग्रेस ने शानदार रिकॉर्ड बनाते हुए चौथे उपचुनाव को भी अपने पाले में कर लिया है. खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव परिणाम की तस्वीर भी साफ हो चुकी है। इसी के साथ अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या 71 हो जाएगी।