हमें अकेला क्यों छोड़ दिया… यह अशांति पड़ोसी देशों में भी फैल सकती है- मोहम्मद यूनुस

नई दिल्ली
 भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में स्थिति काफी बिगड़ चुकी है।  शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही वह देश भी छोड़ चुकी हैं। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ते ही प्रदर्शनकारी पीएम आवास में दाखिल हो गए हैं। भारत ने इस पूरे मामले को बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया है। वहीं नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेशी अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने भारत की प्रतिक्रिया पर निराशा जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अशांति पड़ोसी देशों में भी फैल सकती है।

यूनुस ने कहा कि जब भारत कहता है कि यह उनका आंतरिक मामला है, तो मुझे दुख होता है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यूनुस ने कहा कि यदि भाई के घर में आग लगी हो तो मैं कैसे कह सकता हूं कि यह उसका निजी मामला है। कूटनीति में 'यह उनका आंतरिक मामला है' कहने के अलावा भी बहुत कुछ कहने का तरीका होता है।

मोहम्मद यूनुस ने आगे कहा कि अगर बांग्लादेश में अशांति हो रही है, जहां 17 करोड़ लोग संघर्ष में हैं। युवाओं को सरकारी बलों द्वारा मारा जा रहा है, और कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, तो यह साफ है कि स्थिति बांग्लादेश की सीमाओं के भीतर नहीं रहेगी और पड़ोसी देशों को प्रभावित करेगी। यूनुस अपने माइक्रोफाइनेंस कार्य के लिए जाने जाते हैं, जिसने वहां लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। हालांकि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्हें हाल ही में एक भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठेराया गया था, जिसे उनके समर्थकों का कहना है कि यह राजनीति से प्रेरित है।

यूनुस ने भारत से बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का समर्थन करने और चुनावों में पारदर्शिता की कमी की आलोचना करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत के सफल चुनावों की प्रशंसा की और बांग्लादेश में लोकतांत्रिक लक्ष्यों के लिए भारत के समर्थन की कमी पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने इन मुद्दों पर भारत सरकार के साथ चर्चा करने की योजना बनाई है। अकेले रविवार को बांग्लादेश में लगभग 100 लोग मारे गए, जिनमें 14 पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button