संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र, 2022, जो 7 दिसंबर को शुरू हुआ था उसे 23 दिसंबर को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। शीतकालीन सत्र के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री, श्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि शीतकालीन सत्र, 2022 की 17 दिनों की अवधि में 13 बैठकें आयोजित हुईं।

श्री जोशी ने संसद परिसर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सत्र, जो मूल रूप से 7 दिसंबर, 2022 से 29 दिसंबर, 2022 तक 17 बैठकों को आयोजित करने के लिए निर्धारित किया गया था, इसे आवश्यक सरकारी कार्य पूरा होने और दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की सिफारिशों के कारण सत्र का समय कम किया गया। सदनों की कार्य मंत्रणा समिति ने क्रिसमस/साल के अंत में होने वाले समारोहों के लिए पार्टी लाइन से हटकर सांसदों की मांग और भावनाओं का संज्ञान लिया। केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और केंद्रीय संसदीय कार्य और विदेश राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन इस संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित थे।

सत्र के दौरान वर्ष 2022-23 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अतिरिक्त अनुदान मांगों पर चर्चा की गई और उन पर मतदान किया गया एवं संबंधित विनियोग विधेयकों को 11 घंटे चली बहस के बाद 14.12.2022 को लोकसभा में पारित किया गया। राज्यसभा ने इन विधेयकों को करीब 9 घंटे की बहस के बाद 21.12.2022 को वापस कर दिया।

श्री जोशी ने यह भी कहा कि मौजूदा विधान को पूरक करते हुए और 97वें संवैधानिक संशोधन के प्रावधानों को शामिल करते हुए तथा निगरानी तंत्र बेहतर बनाने और बहुराज्य सहकारी समितियों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुनिश्चित करने के द्वारा बहुराज्य सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता बढ़ाने, जवाबदेही में बढ़ोत्तरी करने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार आदि के लिए दो विधेयक “बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022” और “जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022” को जीवन और व्यापार को आसान बनाने के लिए विश्वास-आधारित शासन को अच्छा बनाने के लिए नाबालिग अपराधों को कम करने और युक्तियुक्त बनाने के लिए कुछ विधानों में संशोधन करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति को उनके प्रस्ताव के बाद संबंधित सदनों में पारित होने के बाद भेजा गया था।

राज्यसभा में, नियम 176 के तहत “ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर प्रभाव और इससे निपटने के लिए उपचारात्मक कदमों की आवश्यकता” पर एक अल्पकालिक चर्चा आयोजित की गई, जिसमें 17 सदस्यों ने लगभग 3 घंटे तक भाग लिया।

लोकसभा की उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत और राज्यसभा का लगभग 103 प्रतिशत रही।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button