एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने से दिल्ली और लखनऊ से सीधे जुड़ जाएगा बुंदेलखंड, मोदी ने किया उद्घाटन

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली/लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर दिया है। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा पीएम मोदी ने बुंदेली भाषा में संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ये उपहार देते हुए बहुत बहुत खुशी हो रही है। बता दें कि एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने से दिल्ली और लखनऊ से बुंदेलखंड सीधे जुड़ जाएगा। यह एक्सप्रेसवे सात जिलों से होते हुए गुजरेगा। PM बोले- एक समय था जब माना जाता था कि यातायात के आधुनिक साधनों पर पहला अधिकार सिर्फ बड़े-बड़े शहरों का ही है। लेकिन अब सरकार भी बदली है, मिजाज भी बदला है। ये मोदी है, ये योगी है। पुरानी सोच को पीछे छोड़कर, हम एक नए तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। यूपी नए संकल्पों को लेकर अब तेज गति से दौड़ने के लिए तैयार हो चुका है। यही सबका साथ है, सबका विकास है। कोई पीछे न छूटे, सब मिलकर काम करें, इसी दिशा में डबल इंजन की सरकार लगातार काम कर रही है।

यूपी के छोटे-छोटे जिले हवाई सेवा से जुड़ें, इसके लिए भी तेजी से काम किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के बगल में जो स्थान हैं, वहां बहुत सारे किले हैं। यूरोप के बहुत सारे देशों में किले देखने का बहुत बड़ा पर्यटन उद्योग चलता है। मैं आज योगी जी की सरकार से कहूंगा कि अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनने के बाद आप भी इन किलो को देखने के लिए एक शानदार टूरिज्म सर्किट बनाइये। PM मोदी बोले- जिस धरती ने अनगिनत शूरवीर पैदा किए, जहां के खून में भारत भक्ति बहती है, जहां के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है, उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेसवे का उपहार देते हुए, उत्तर प्रदेश का सांसद होने के नाते मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं दशकों से उत्तर प्रदेश आता जाता रहा हूं, यूपी के आशीर्वाद से पिछले 8 साल से देश के प्रधानसेवक के रूप में कार्य करने का आप सबने जिम्मा दिया है। लेकिन मैंने हमेशा देखा कि अगर यूपी में 2 महत्वपूर्ण चीजें जोड़ दी जाएं, तो उत्तर प्रदेश चुनौतियों को चुनौती देने की बहुत बड़ी ताकत के साथ खड़ा हो जाएगा। पहला मुद्दा था- यहां की खराब कानून व्यवस्था, पहले यहां क्या हाल था ये आप जानते हैं। दूसरा – हर प्रकार से खराब कनेक्टिविटी।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा। सीएम योगी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड के विकास का जीवंत प्रमाण है। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्र को नई पहचान दिलाकर यहां औद्योगिक निवेश को आमंत्रित करने का नया माध्यम बनेगा। ‘बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे’ एवं ‘इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ के निर्माण से प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह एक्सप्रेस-वे उ.प्र. के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे’ को हरा-भरा बनाने हेतु इसके दोनों किनारों पर 07 लाख पौधे लगाए जाएंगे। उ.प्र. के 07 जनपदों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेस-वे आवागमन में सुधार करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सहायक सिद्ध होगा।

केन्द्र सरकार देश भर में कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी एक प्रमुख विशेषता सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने की दिशा में काम करना है। इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था। इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा किया गया है और अब इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा। कुल 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है।

यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। माना जा रहा है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर सृजित होंगे। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। जालौन के पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर सुरक्षाकर्मियों द्वारा जिला मुख्यालय उरई के सभी होटल एवं रेस्टोरेंट पर सघन जांच पड़ताल अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोकार्पण स्थल पर होने वाली जनसभा में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को पहुंचने की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके लिए ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान से लेकर अन्य उच्च अधिकारी भी तैयारी में लगे हैं।

लाभार्थियों को जनसभा स्थल पहुंचने में दिक्कत ना हो इस को ध्यान में रखकर पूरे जनपद की नगर पालिका एवं नगर पंचायत मुख्यालय पर भी रोडवेज की बसें उपलब्ध करवाई गई है। इसके अलावा ग्रामीण अंचल से लाभार्थियों को सभा स्थल पर ले जाने के लिए विकासखंड स्थल एवं ग्रामस्तर पर भी बसें पहुंचाई जा रही हैं । उन्होंने बताया कि लोकार्पण में प्रधानमंत्री के स्वागत में बुंदेलखंड के बुंदेली कलाकारों को लगातार अपनी कला का प्रदर्शन करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे। एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने से दिल्ली और लखनऊ से सीधे जुड़ जाएगा बुंदेलखंड। लोकार्पण समारोह में शामिल होने के लिए झांसी और ललितपुर से बड़ी संख्या में लोग जा रहे हैं। इन्हें ले जाने के लिए रोडवेज की 120 और 200 प्राइवेट बसों को लगाया गया है। शनिवार को झांसी और आसपास के जनपदों के 13 रूट खाली हो जाएंगे। इन मार्गों पर कोई बस नहीं दिखेगी। लिहाजा अगर बस का सफर प्लान कर रहे हैं तो यह जानना बेहद जरूरी है।

रोडवेज की सभी 120 बसें शुक्रवार की सुबह से ही रूट से अलग कर दी गईं थीं। इन बसों से तमाम योजनाओं के लाभार्थियों को उरई ले जाया गया है। इन बसों के रूट से हटते ही लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया। रोडवेज की बसों में सफर करने वाले लोग सारा दिन परेशान रहे। शनिवार को भी हजारों लोगों को बसों का इंतजार करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि रविवार से ही बसों का संचालन दोबारा से शुरू हो पाएगा। लिहाजा अगर आप बस का सफर प्लान कर रहे हैं तो फिलहाल दो दिनों के लिए टाल दें तो बेहतर रहेगा। क्योंकि रोडवेज की बस ही नहीं प्राइवेट बसों को भी लाभार्थियों को ले जाने के लिए लगा दिया गया है।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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