सीबीआई ने महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी के रूप में नामित किया

रायपुर

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने महादेव बेटिंग एप केस में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी आरोपी के रूप नामजद किया है. 18 दिसंबर 2024 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR में अब भूपेश बघेल के नाम का भी जिक्र है. इस मामले में  सीबीआई ने भूपेश बघेल समेत कुल 21 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत 21 के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया है FIR

रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने एफआईआऱ में FIR में महादेव सट्टा एप के संचालक प्रमोटर रवि उप्पल सौरभ चंद्राकर शुभम सोनी और पिंटू चंद्रभूषण वर्मा असीम दास सतीश चंद्राकर नीतीश दीवान अनिल अग्रवाल विकास क्रिया रोहित गुलाटी विशाल आहूजा धीरज अहूजा अनिल अंबानी सुनील दमानी सिपाही भीम सिंह यादव, हरिशंकर ट्रिब्लेवाल, सुरेंद्र बागड़ी सूरज चोखानी पुलिस अधिकारी पूर्व सीएम के OSD और निजी व्यक्ति शामिल हैं.

महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रहा है प्रवर्तन निदेशालय

गौरतलब है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रहा है, जिसका खुलासा राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था. ईडी ने पहले भी राज्य में इस मामले में कई छापे मारे थे और अवैध सट्टेबाजी व गेमिंग एप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ अभियोजन शिकायतें (आरोप पत्र) दायर की थीं.

क्या है ये एप?

महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया था. इस पर यूजर्स पोकर जैसे कार्ड गेम्स और अन्य गेम खेल सकते थे. इस एप के जरिए क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस, जैसे खेलों में सट्टेबाजी भी की जाती थी. इसकी शुरुआत 2019 को  छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर ने की थी.

अब तक क्या हुआ?

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले के मामले में बघेल के आवास पर छापेमारी की थी. राज्य सरकार ने पिछले साल सीबीआई को कथित महादेव घोटाले से संबंधित विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 70 मामले और राज्य में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक मामला सौंप दिया था.

455 करोड़ तक पहुंच गया था महादेव ऐप का मंथली टर्नओवर

महादेव बुक ऐप मल्टी-लेवल मार्केटिंग मॉडल की तरह काम करता था. इसमें क्लाइंट्स को 'पैनल ओनर्स' के जरिए जोड़ा जाता था. जो यूजर आईडी बनाकर सट्टेबाजी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते थे. ये पैनल सिस्टम एक तरह की फ्रेंचाइजी की तरह काम करता था. जहां प्रमोटर्स अपने पैनल ओनर्स को 70-80% तक का मुनाफा देते थे. ऐप से जुड़े पैनल ओनर्स व्हाट्सएप के जरिए ग्राहकों से संपर्क करते थे और उन्हें सट्टेबाजी के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराते थे. इस ऐप का मासिक टर्नओवर 455 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.

अब तक की जांच में क्या सामने आया?

जांच में सामने आया है कि इस अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रमोटर्स ने कई सरकारी अधिकारियों को 'प्रोटेक्शन मनी' के रूप में भारी रकम दी थी. सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जब्त किए है. जिनमें वित्तीय लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड शामिल है. इस मामले की जांच ED के पास भी है. ED के मुताबिक 3 नवंबर 2023 को इसी मामले में एक कोरियर आसिम दास को गिरफ्तार किया गया था और उसके पास से 5.39 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी. पूछताछ में उसने बताया था कि ये रकम भूपेश बघेल के लिए थी. जांच में ये भी सामने आया था कि महादेव बुक के प्रमोटरों ने कई सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देकर अपने नेटवर्क को सुरक्षित रखा. सीबीआई अभी भी इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही और बड़े खुलासे हो सकते है.

India Edge News Desk

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