उत्तर प्रदेश के लिए स्थायी डीजीपी नहीं तय कर पा रही है योगी सरकार

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश के लिए स्थायी डीजीपी नहीं तय कर पा रही है। सुप्रीम कोर्ट के बनाए गए नियम के अनुसार जिस आईपीएस अधिकारी की सर्विस 6 माह से अधिक हो, ऐसे तीन वरिष्ठ आईपीएस का पैनल यूपीएससी को भेजना होता है स्थायी डीजीपी बनाने के लिए। मगर 4 महीने से अधिक हो गए अभी तक वह नाम नहीं भेज पाई है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार। जिससे मुख्यमंत्री की नीयत पर सवालिया निशान खड़े होते हैं।उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ नतीजा यह है की उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। विगत कुछ दिनों में बाराबंकी में शराब पिलाकर गैंग रेप की घटना, बनारस में फ्रांस की युवती को शराब पिलाकर उसके साथ दुराचार और मुरादाबाद में लड़की का किडनैप कर उसके साथ गैंग रेप और फिर सड़कों पर निर्वस्त्र छोड़ देना जैसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि पुलिस का इकबाल नदारद है, और चुनाव के वक्त गृह मंत्री अमित शाह का यह कथन कि उत्तर प्रदेश में लड़कियां रात में 12 बजे भी सड़कों पर बेखौफ निकल सकती हैं को झुठलाता है और उत्तर प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था को दर्शता है। अपराधी और मनचले बेखौफ बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं पर पुलिस का रवैया बहुत ढुलमुल है ।प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि औरैया में एक दलित छात्र की पिटाई के बाद मौत को उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने प्रमुखता से उठाया है और उत्तर प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। पिछले 5 सालों में उत्तर प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिला के खिलाफ बढे़ अत्याचार, दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक आंदोलन छेड़ा, मगर सरकार कानून व्यवस्था को लेकर कभी भी गंभीर नहीं रही और सरकार का ढुलमुल रवैया अभी भी जारी है। जिसके खिलाफ कांग्रेस लगातार संघर्षरत है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश सरकार से मांग है कि उत्तर प्रदेश को तत्काल स्थायी डीजीपी दिया जाए और लचर कानून व्यवस्था पर जल्द से जल्द लगाम लगाई जाए ।
(जी.एन.एस)