योगी सरकार की नई पहल: ‘गांव की गाय, गांव की तरक्की’ से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन ‘गांव की गाय, गांव की तरक्की’ को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एक सरकारी बयान में बताया गया कि उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग ने पतंजलि योगपीठ के साथ मिलकर इस दिशा में एक व्यापक रणनीति तैयार की है। इस पहल का उद्देश्य गो संरक्षण, पंचगव्य उत्पादों, प्राकृतिक खेती और बायोगैस संयंत्रों को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना है।

पतंजलि के साथ साझेदारी
हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सह-संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के साथ विस्तृत चर्चा की। इस दौरान गो संरक्षण, पंचगव्य उत्पादों के निर्माण, प्राकृतिक खेती और बायोगैस संयंत्रों के प्रसार पर सहमति बनी। पतंजलि योगपीठ ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए तकनीकी सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

बयान में कहा गया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि गांव की गाय, गांव की तरक्की का आधार है। इसी सोच को धरातल पर उतारने के लिए गोशालाओं को केवल संरक्षण केंद्रों तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें ग्रामीण उद्योग, पंचगव्य उत्पाद निर्माण और बायोगैस उत्पादन के आधुनिक केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।

बाबा रामदेव की उत्तर प्रदेश यात्रा
बयान के अनुसार, बाबा रामदेव जल्द ही उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इस योजना की रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे। यह साझेदारी न केवल गो संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि का नया द्वार खोलेगी।

आदर्श गोशालाओं का विकास
गो सेवा आयोग के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के 75 जिलों में दो से 10 गोशालाओं को चयनित कर उन्हें आदर्श गोशालाओं के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गोशालाओं में खुले शेड, बाड़ और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी ताकि गोवंश की मुक्त आवाजाही हो सके।

डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पंचगव्य उत्पादों और बायोगैस का उत्पादन होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। 50 प्रतिशत कमीशन मॉडल के माध्यम से गोमूत्र संग्रह और उत्पाद बिक्री में ग्रामीणों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

पतंजलि का तकनीकी सहयोग
पतंजलि योगपीठ इस पहल में प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, उत्पाद फार्मुलेशन, प्रमाणन और लाइसेंसिंग में सहयोग प्रदान करेगा। यह सहयोग गोशालाओं को आत्मनिर्भर और लाभकारी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह विजन न केवल गो संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। गोशालाओं को ग्रामीण उद्योग का केंद्र बनाकर प्राकृतिक खेती और बायोगैस उत्पादन को बढ़ावा देने से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि ग्रामीण युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

इस पहल के तहत उत्तर प्रदेश सरकार और पतंजलि योगपीठ की साझेदारी ग्रामीण भारत के लिए एक नया मॉडल प्रस्तुत कर सकती है, जो आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ सांस्कृतिक और पर्यावरणीय मूल्यों को भी संरक्षित करेगा।

India Edge News Desk

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