पीएम मोदी के 4019 दिन, देश की अर्थव्यवस्था को यूं लगे पंख, चौथी बड़ी आर्थिक ताकत

नई दिल्ली

भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को हटाकर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बीवीआर सुब्रह्मण्यम 25 मई 2025 को लुटियन दिल्ली में एक बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठकर पत्रकारों के सामने जब यह ऐलान कर रहे थे, तब नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल के तौर पर 4018 दिन गुजर चुके थे। मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी और आज 26 मई 2025 है यानी पीएम के तौर उनके कार्यकाल का आज 4019वां दिन है। इनमें 1148 वीकेंड, 122 हॉलीडेज और 2747 कामकाजी दिन शामिल हैं।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

सुब्रह्मण्यम 10वीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा, "मैं जब बोल रहा हूं, तब हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हैं और यह मेरा डेटा नहीं है। यह आईएमएफ का डेटा है। आज भारत जापान से भी बड़ी अर्थव्यवस्था है।" उन्होंने बताया, "केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी ही हमसे बड़े हैं और जो योजना बनाई जा रही है, अगर हम उसी पर टिके रहते हैं, तो भारत अगले 2, 2.5 से 3 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।"

मोदी के कार्यकाल का कुल हासिल

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के कार्यकाल का कुल हासिल भारत का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाना है…और अगर अर्थव्यवस्था के हिसाब-किताब की नजर में प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के कार्यकाल के दिनों को देखा जाए तो पीएम मोदी अब तक जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे ज़्यादा समय तक चुने हुए प्रधानमंत्री हैं।

नेहरू और इंदिरा गांधी मुख्यमंत्री नहीं थे। लेकिन वे 6,130 और 5,829 दिनों तक प्रधानमंत्री रहे। 26 मई 2025 तक मोदी PM के तौर पर 4018 दिनों से ज़्यादा समय पूरा कर चुके हैं। इस लिस्ट में वह तीसरे पायदान पर पहुंच चुके हैं। उनसे पहले जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी हैं। मनमोहन सिंह तीसरे पायदान से खिसकर चौथे स्थान पर जा चुके हैं। जिस सड़क पर अर्थव्यवस्था दौड़ रही है, उसी रास्ते पर पीएम मोदी का कार्यकाल भी आगे बढ़ रहा है। माना जा रहा कि 2.5-3 साल में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा, और यह भी संयोग देखिए कि नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए, मोदी को मार्च 2031 तक प्रधानमंत्री बने रहना होगा।

सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बने मोदी

17 सितंबर 2024 को नई दिल्ली स्थिति नेशनल मीडिया सेंटर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस याद कीजिए। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित की गई थी। यह वह दिन भी था जब 17 सितंबर 1950 को जन्मे मोदी 74 वर्ष के हुए थे। उस दिन अमित शाह प्रधानमंत्री मोदी के के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। तब उन्होंने कहा था…

पीएम मोदी के 8 बड़े काम

प्रधानमंत्री ने पिछले 12 वर्षों में कई बड़े फैसले लिए हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने कई फैसले लिए जिसमें आर्थिक सुधार और बुनियादी ढांचा को प्राथमिकता दी गई।

1. आर्थिक सुधार और बुनियादी ढांचा विकास:

मोदी सरकार ने 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया, जिससे पूरे देश में एक समान कर व्यवस्था बनी। 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिला और विदेशी निवेश आकर्षित किया गया। 'स्टार्टअप इंडिया' के जरिए नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया गया। बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में रिकॉर्ड स्तर पर सड़कें बनाई गईं और 'भारतमाला' व 'सागरमाला' जैसी योजनाएं शुरू की गईं। मेट्रो नेटवर्क भी देश के कई शहरों में तेजी से फैला।

2. जनकल्याण और सामाजिक योजनाएं:

प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए जिससे वित्तीय समावेशन को बल मिला। उज्ज्वला योजना के माध्यम से 9 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए लाखों लोगों को घर मिले और आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया गया।

3. डिजिटल और तकनीकी प्रगति:

डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से ई-गवर्नेंस को बढ़ावा मिला, ग्रामीण क्षेत्रों तक इंटरनेट पहुंचा और ऑनलाइन सरकारी सेवाएं आसान हुईं। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाई। देश में 5G सेवा की शुरुआत हुई और सेमीकंडक्टर निर्माण जैसे कदम भी उठाए गए।

4. राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा:

2016 और 2019 में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दिया गया — तेजस लड़ाकू विमान, INS विक्रांत, अग्नि-V मिसाइल जैसे कई प्लेटफॉर्म विकसित हुए। माइनस्वीपर युद्धपोतों की योजना को फिर से शुरू किया गया ताकि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों का मुकाबला किया जा सके।

5. विदेश नीति और वैश्विक पहचान:

'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और 'इंडो-पैसिफिक रणनीति' के तहत भारत ने चीन के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में काम किया। अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों के साथ संबंध मजबूत किए। भारत ने 2023 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति और मजबूत की।

6. शासन और संरचनात्मक सुधार:

2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया, जिससे राज्य को विशेष दर्जा समाप्त हुआ। तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाया गया। 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना से प्रवासी मजदूरों को देश के किसी भी हिस्से में राशन मिलना संभव हुआ।

7. कृषि और ग्रामीण विकास:

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत किसानों को सीधे खातों में आर्थिक सहायता दी गई। 'सौभाग्य योजना' और 'प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना' से गांवों में बिजली और सड़कें पहुंचीं। 'जल जीवन मिशन' के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य लिया गया।
8. क्राइसिस मैनेजमेंट:

कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने कोविन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया और मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन और आर्थिक सहायता दी गई। वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे लाखों भारतीयों को वापस लाया गया।

India Edge News Desk

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