ऑस्ट्रेलिया में क्रूर हमले के बाद मौत से जूझ रहा असम का छात्र कोमा में चला गया, परिवार के पास विदेश जाने के लिए पासपोर्ट तक नहीं है
असम के रहने वाले छात्र पर ऑस्ट्रेलिया पर हमला हुआ है. वारदात के बाद उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है और अब वह कोमा में चला गया है
इंडिया न्यूज़ : ऑस्ट्रेलिया की तस्मानिया यूनिवर्सिटी में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा एक भारतीय छात्र हमले के बाद जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. फिलहाल वह कोमा में चला गया है. भारत के असम का रहने वाला है. इस महीने की शुरुआत में उसपर हमला हुआ था, जिसके बाद अब वह कोमा में चला गया है।
सिडनी स्थित ब्रॉडकास्टर एसबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, तस्मानिया में 5 नवंबर को सुबह लगभग 4:20 बजे हुए हमले के तुरंत बाद 20 वर्षीय छात्र को रॉयल होबार्ट अस्पताल ले जाया गया. अब उसका दाहिना फेफड़ा खराब हो गया है और उसे ब्रेन सर्जरी करानी पड़ी है. यह प्रक्रिया कई घंटों तक चली।
पुलिस ने किया नस्लीय हमले से इनकार
घटना के तुरंत बाद, स्थानीय पुलिस ने हमला करने वाले 25 वर्षीय बेंजामिन डॉज कोलिंग्स को हिरासत में ले लिया. पर हमले का आरोप केस दर्ज किया है जिसमें अधिकतम 21 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. हालांकि कोलिंग्स को मजिस्ट्रेट ने जमानत दे दी गई है जिसकी वजह से भारतीय समुदाय में गुस्सा बढ़ रहा है. उसकी 4 दिसंबर को अदालत में फिर से पेशी है. पुलिस ने एसबीएस हिंदी को बताया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नस्लीय रूप से प्रेरित होने की वजह से हमला किया गया है।
पीड़ित के दोस्तों ने कहा कि असम में उसके परिवार के पास ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए पासपोर्ट नहीं है. एसबीएस हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, तस्मानिया यूनिवर्सिटी के मीडिया निदेशक, बेन वाइल्ड ने कहा कि वे परिवार के साथ नियमित संपर्क में हैं और ट्रांसलेटर की मदद से मामले के लिए एक मैनेजर को नियुक्त किया है।
भारतीय समुदाय में बढ़ रही नाराजगी
ऑस्ट्रेलिया के एक निवासी जर्मनजीत सिंह गिल ने फेसबुक ग्रुप ‘इंडियन्स इन तस्मानिया’ पर पोस्ट हमलावर को जमानत मिलने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने लिखा है, “आरोपी व्यक्ति को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जबकि गरीब आदमी अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है.” गिल ने कहा, किसी ने बिना किसी कारण के हमारे भाई पर हमला किया, और हम सवाल भी नहीं पूछ सकते? हम पीड़ित की मदद के लिए सामुदायिक समर्थन कर रहे हैं।