देशभर में नए साल के जश्न पर रोक, खुद प्रधानमंत्री ने किया ऐलान, जानें यहां की सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
इस बार भी कोरोना संक्रमण कई देशों में कहर बरपा रहा है. इन सबके बीच यहां की सरकार ने नए साल के जश्न पर रोक लगाने का ऐलान किया है
इस्लामाबाद: आज से ठीक दो दिन बाद हम नए साल यानी साल 2024 का स्वागत करेंगे। नए साल के स्वागत और पुराने साल की विदाई के लिए 31 दिसंबर की रात दुनिया भर में जश्न मनाया जाता है। जगह-जगह रात भर पार्टियों का आयोजन किया जाता है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण पिछले कुछ सालों से नए साल के जश्न में खलल पड़ा हुआ है. वहीं, इस बार भी कोरोना संक्रमण कई देशों में कहर बरपा रहा है. इन सबके बीच यहां की सरकार ने नए साल के जश्न पर रोक लगाने का ऐलान किया है. इसकी घोषणा खुद प्रधानमंत्री ने की है |
मिली जानकारी के मुताबिक
पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक कक्कड़ ने पूरे देश में नए साल के जश्न पर रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि युद्धग्रस्त गाजा को समर्थन देने के लिए सरकार ने इतना सख्त फैसला लिया है. इसकी घोषणा करते हुए अनवारुल हक काकर ने कहा कि युद्धग्रस्त गाजा के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यह फैसला लिया गया है. राष्ट्र के नाम संबोधन में काकर ने नए साल में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और संयम बरतने की अपील की. उसने कहा, ‘फिलिस्तीन!भाइयों-बहनों के प्रति लगाव दिखाने के लिए सरकार ने नए साल के किसी भी आयोजन पर रोक लगाएगी।’
नए साल का जश्न न मनाएं
पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम कक्कड़ ने कहा कि हमारे देश ने फिलिस्तीन को 2 सहायता पैकेज भेजे हैं और तीसरा पैकेज भेजने की तैयारी कर रहा है। काकर ने वैश्विक मंचों पर फिलिस्तीनियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के पाकिस्तान के प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इजराइल द्वारा गाजा में खून-खराबा किया जा रहा है और इसे रोकने के लिए हमारे प्रयास जारी रहेंगे. पाकिस्तान इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. मालूम हो कि पाकिस्तान में नया है |
20000 से ज्यादा मौतें
गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, युद्ध में अब तक 20 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा के 23 लाख लोगों में से लगभग 85 प्रतिशत लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। इजराइल की ओर से हमलों की तीव्रता को देखते हुए और अधिक गाजावासियों के विस्थापित होने की आशंका है। पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम काकर ने दावा किया कि 7 अक्टूबर को इजरायली बमबारी शुरू होने के बाद से 9,000 बच्चे मारे गए हैं। ऐसे में इजरायली सैनिकों ने हिंसा का सहारा लिया और अन्याय की सभी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा, ‘पूरा पाकिस्तान और मुस्लिम दुनिया निर्दोषों के नरसंहार पर बेहद गुस्से में है। गाजा और वेस्ट बैंक में बच्चों व निहत्थे फिलिस्तीनियों का नरसंहार हुआ है।’