छत्तीसगढ़राजनीति

कांग्रेस के पास थिंकटैंक के रूप में वामपंथी लोग हैं, अजय चंद्राकर ने भूपेश सरकार पर किए कई कटाक्ष

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

छत्तीसगढ़ में एक तरफ खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म हो चुका है, वहीं कांग्रेस सरकार के साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल के तौर पर भाजपा आहिस्ता-आहिस्ता आक्रमक होती नजर आ रही है। पूर्व मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर ने शुक्रवार को भाजपा एकात्म परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इस प्रेस कांफ्रेंस में ओबीसी वर्ग के दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ओबीसी आरक्षण समेत कई अन्य मुद्दों पर भूपेश बघेल सरकार को घेरा। उन्होंने मौजूदा शासन-प्रशासन की दर्जनों खामियां गिनवाईं। इस बीच कांग्रेस संगठन को लेकर उन्होंने एक बयान दिया। बातों-बातों उन्होंने कांग्रेसियों को नक्सलियों से जोड़ने का प्रयास किया।

रायपुर। अजय चंद्राकर ने कहा कि 80 के दशक में छत्तीसगढ़ के हिस्से में नक्सल मूवमेंट शुरू हुआ तब यहां किसकी सरकार थी। हम तो 2004 में आए तब तक मुझे एक बड़ा काम बताइए जो इन्होंने किया हो। पिछले विधानसभा चुनावों में राज बब्बर आए वो यहां नक्सलियों के लिए कहकर गए कि ये हमारे क्रांतिकारी भाई हैं। जब नक्सलियों पर कार्रवाई हुई तो सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने कहा कि मुझे कांग्रेस से ये अपेक्षा नहीं थी।
अजय चंद्राकर ने कांग्रेस संगठन को घेरते हुए कहा कि- कांग्रेस के पास सोचने समझने के लिए दिमाग नहीं है। इन्हें अपनी नक्सल नीति बनाने की जरूरत है। कांग्रेस का दिमाग वामपंथी हैं और वामपंथियों का फ्रंट आॅर्गनाइजेशन हैं नक्सली। कांग्रेस के पास थिंकटैंक के रूप में वामपंथी लोग हैं। पत्रकारों ने कहा कि कुछ नाम बताइए, तुरंत अजय चंद्राकर ने कहा- मैं नाम नहीं बताउंगा। कम्यूनिस्ट ही कांग्रेस के लिए सोचने का काम करते हैं। आजादी के बाद से तो और बढ़ा है।
अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए की है कि सीएम भूपेश बघेल ने 24 घंटे में जिला बनाने की बात कही है तो 24 घंटे में रोजगार पर काम कर दें और आरक्षण पर 12 तारीख के पहले ओबीसी को 27%, 10% ईडब्ल्यूएस और रउ को 13% आरक्षण दे दें।

छत्तीसगढ़ में भाजपा के दिग्गज ओबीसी नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए राज्य की भूपेश बघेल सरकार पर कटाक्ष किया। अजय चंद्राकर ने कहा कि बीते दिनों जगदलपुर में पिछड़ा वर्ग ने कांग्रेस की सभा बहिष्कार किया गया था। उनको रोकने की बहुत सी कोशिश की गई लेकिन वह रोक नहीं पाए। राज्य के मुखिया भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2019 को 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग, 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग एवं 10 प्रतिशत ईडब्लूएस को आरक्षण देने की घोषणा करते हुए कहा था कि अध्यादेश लाकर पिछड़ा वर्ग आरक्षण छत्तीसगढ़ में लागू करेंगे। जिसके लिए सेवानिवृत्त जज छबिलाल पटेल की अध्यक्षता बनाये गए क्वांटिफायेबल डाटा आयोग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, इसलिए सीएम भूपेश बघेल 24 घंटे के अंदर अध्यादेश लाकर आरक्षण की व्यवस्था को लागू करना चाहिए, ताकि एक बड़े वर्ग को लाभ मिल सके।

भाजपा नेता अजय चंद्राकर ने आगे कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने ने सरकार की एक पत्रिका में बताया था कि राज्य में 14 हजार 500 शिक्षकों की भर्ती गई है। मार्च में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान यह जानकारी आई थी कि राज्य में अभी तक शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हो पाई है,जबकि सरकार की पत्रिका में 1 लाख 47 हजार शिक्षाकर्मियों का आंकड़ा दिया गया है, जो कि असल में छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों की संख्या 1 लाख 45 हजार के करीब है। चंद्राकर ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से पीएससी के माध्यम से भर्ती का जो आंकड़ा भी गलत है।

अजय चंद्राकर ने यह भी आरोप लगाया कि भूपेश बघेल सरकार शराब के धंधे में आउटसोर्सिंग का रास्ता अपनाते हुए उत्तरप्रदेश और बिहार के लोगों को सुपरवाइजर पद पर रख रही है,जबकि शराब बेचने का काम छत्तीसगढ़ के युवाओं को दिया गया है। इस कारण राज्य के युवा न सिर्फ शराब पीना सीख गए हैं, बल्कि अवसाद में भी जा रहे हैं।

India Edge News Desk

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