मध्य प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, तबादलों पर लगी रोक, ये है बड़ी वजह
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की ओर से चुनाव आयोग को तीन साल से एक ही स्थान पर तैनात अधिकारियों को हटाने के संबंध में सोमवार तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी है.
भोपाल: मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अहम खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मतदाता सूची अपडेशन कार्य के चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इससे 70 हजार कर्मचारी अधिकारी प्रभावित होंगे। नई व्यवस्था के बाद अब राज्य सरकार को कलेक्टर का तबादला करने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी. आपको बता दें कि रविवार देर रात राज्य सरकार ने 18 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है |
चुनाव ने इसलिए लगाई तबादलों पर रोक दरअसल, मध्य प्रदेश में 2 अगस्त से दूसरा विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य शुरू होगा, जो 31 अगस्त तक चलेगा. वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने कलेक्टरों को हर कामकाज पर बीएलओ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. 2 से 31 अगस्त तक कार्यालय समय के दौरान राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के आवेदनों को तुरंत निपटाने और सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति करने के भी निर्देश दिए गए। पुनरीक्षण के दौरान 3 अगस्त से 10 अगस्त तक सेक्टर अधिकारी मतदाताओं और बीएलओ की उपस्थिति में मतदाता सूची का वाचन करेंगे। 5 जनवरी 2023 के बाद से जितने नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं, उसका भी सेक्टर अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा
अक्टूबर में जारी होगी वोटर लिस्टइसके अलावा अगर किसी घर में 6 से ज्यादा वोटर हैं तो उसका सत्यापन भी सेक्टर ऑफिसर द्वारा किया जाएगा और उसके बाद 4 अक्टूबर को वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा. रिपोर्ट्स की मानें तो वोटर लिस्ट के काम को देखते हुए आयोग ने सरकार को निर्देश दिया है कि इससे जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का ट्रांसफर न किया जाए. यदि इसे हटाना जरूरी हो तो आयोग से पूर्व अनुमति ली जाए। इसमें सेक्टर ऑफिसर, रजिस्ट्रेशन ऑफिसर समेत 64 हजार 100 बूथ लेवल ऑफिसर शामिल हैं.अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर शामिल हैं।