Loksabha Election 2024: भिंड प्रत्याशी फूल सिंह बरैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं, बीजेपी प्रत्याशी संध्या राय को भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
भिंड से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया को अपने पहले के बयानों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं बीजेपी प्रत्याशी संध्या राय को विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
भिंड,Loksabha Election 2024: भिंड-दतिया लोकसभा की राह इस बार बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं है. कांग्रेस प्रत्याशी के पिछले दिनों समाज विशेष को लेकर दिए गए विवादित बयान उन्हें मुसीबत में डाल रहे हैं. वहीं बीजेपी प्रत्याशी को कई जगहों पर जनता के गुस्से का भी सामना करना पड़ रहा है. हालात ऐसे हैं कि जब वह किसी गांव में पहुंचती हैं तो लोगों की जुबान पर एक ही नाम आता है, पिछले पांच साल से कहां थे? अन्य क्या विकास किये गये हैं?
आपको बता दें कि 17वीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर सांसद संध्या राय पर भरोसा जताते हुए
उन्हें मैदान में उतारा है. इन पांच सालों में सांसद भिंड-दतिया जिले को कोई बड़ी सौगात नहीं दे सके। हालांकि पिछले साल भिंड-अटेर रोड पर रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज, सोनी, सौंधा और रायतपुरा पर ओवरब्रिज स्वीकृत हो चुके हैं, लेकिन इन चार स्थानों में से एक पर भी काम शुरू नहीं हो सका है।
यही वजह है, कि महाशिवरात्रि पर जब सांसद राय मेहगांव के वनखंडेश्वर मंदिर पर गई थी, तो सजातीय लोगों ने ही उन्हें आड़े हाथों ले लिया और भरी बैठक में पूछ लिया था, कि पांच सालों में आपको समाज की कभी याद नहीं आई है पांच सालों में आपने क्या विकास कार्य कराए हैं। इसी तरह उमरी भी उन्हें आमजन के विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि भाजपा के नेताओं ने सांसद के डैमेज कंट्रोल को संभाल लिया है।
फूल सिंह बरैया रहे हैं विवादित
इस बार कांग्रेस ने भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को टिकट दिया है. बरैया वैसे तो भिंड जिले के गोरमी क्षेत्र के सिकरौदा के रहने वाले हैं, लेकिन उनका राजनीतिक कार्यक्षेत्र दतिया का भांडेर रहा है। यही वजह है कि 2003 के बाद 2023 में वह दोबारा विधायक बने हैं। बरैया अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण इलाके में चर्चा में रहते हैं।
2023 विधानसभा चुनाव में बरैया ने घोषणा की थी, कि अगर भाजपा 50 से अधिक सीटें लाती हैं तो वह अपना मुंह काला करवाएंगे। भाजपा 160 से अधिक सीटें आई तो बरैया भोपाल पहुंच गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने काला टीका लगाकर मुंह काला करने की औपचारिकता कर दी थी। बरैया के लिए सबसे अधिक मुश्किलें 2019 में प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया बन रहे हैं। टिकट कटने से आहत जरारिया इंटरनेट मीडिया पर अपना दुख भी जता सके हैं। इसके अलावा टिकट की दौड़ में शामिल लोगों ने उनसे और पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी है।
भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू किया
भाजपा ने संसदीय क्षेत्र में डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री लगातार भिंड के दौरे पर आ रहे हैं। वरिष्ठ पदाधिकारी नाराज कार्यकर्ताओं को मना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित करने के बाद अभी तक शुरुआत नहीं की है और न ही किसी बड़े नेता का दौरा हुआ है।