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डरा रही है यमुना! यमुना 14 हिंडन नदी से 53 गांव प्रभावित, करीब 3600 लोग फंसे ग्रेटर नोएडा

नोएडा-ग्रेनो में दो दिन से यमुना नदी में आई बाढ़ का असर बढ़ता जा रहा है। फिलहाल 67 गांवों के सामने संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों से 3610 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

नोएडा :  यमुना नदी में आई बाढ़ से 67 गांवों में संकट पैदा हो गया है। 3610 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 200.60 मीटर पर था. हथिनी कुंड से 3.60 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक 20 जुलाई तक बारिश के आसार हैं |

नोएडा-ग्रेनो में दो दिन से यमुना नदी में आई बाढ़ का असर बढ़ता जा रहा है। फिलहाल 67 गांवों के सामने संकट खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से 3610 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. शुक्रवार शाम के अपडेट के अनुसार, ओखला बैराज पर यमुना का जल स्तर 200.60 मीटर के खतरे के निशान पर था। अब इसके स्थिर रहने की उम्मीद है. लगातार बारिश के कारण हथिनी कुंड से 3.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते बुधवार से ही जिले में यमुना का स्तर खतरे के निशान पर था।

कार्य में जुटी हैं. डीएम,

पुलिस कमिश्नर समेत अन्य अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं.मौसम विभाग के मुताबिक आज (शनिवार) से 20 जुलाई तक बारिश के आसार हैं. बारिश के कारण शहर के बाढ़ प्रभावित इलाकों समेत अन्य जगहों पर परेशानी बढ़ सकती है. जिला प्रशासन के मुताबिक, फिलहाल जिले के 67 गांवों में रहने वाले 7210 लोग बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं. इनमें से आधे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. 5874 जानवरों को भी बाढ़ से बचाया गया है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें बचावडीएम, पुलिस कमिश्नर समेत अन्य अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं. लोगों को निकालने के लिए 15 नावें, 30 नाविक, 30 गोताखोर और 6 मोटर बोट तैनात की गई हैं। लोगों के रहने के लिए 13 शेल्टर होम बनाये गये हैं. इन शेल्टर होम में 8 मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं |

17 स्थानों पर बनाई गईं

बाढ़ चौकियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए 17 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। इनमें से तहसील सदर में 7, तहसील दादरी में 5 और तहसील जेवर में 5 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। ये चौकियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की अद्यतन रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज रही हैं।

भोजन उपलब्ध कराने में जुटी टीमें

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से आश्रय स्थलों पर पहुंचाए गए लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। शुक्रवार को आश्रय स्थलों में ही उनके लिए भोजन तैयार किया गया और सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त (द्वितीय) अर्चना ने मौके पर पहुंचकर भोजन की गुणवत्ता की जांच की। इसके बाद इन लोगों को दोपहर का भोजन वितरित किया गया। अब जबअब जब तक लोग इन शेल्टर होम में रहेंगे, दोनों विभागों की संयुक्त टीम उनके भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखेगी. अगर किसी एनजीओ की ओर से बाढ़ पीड़ितों को खाना या अन्य पैक्ड फूड दिया जाता है तो वह इन दोनों विभागों की टीम से संपर्क करने के बाद ही दिया जा सकता है. इन विभागों की देखरेख में ही बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री मुहैया करायी जा सकती है, ताकि गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था कायम रह सके और लोगों को सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जा सके |

बाढ़ से कई गांवों का संपर्क कटा

यमुना नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण रबूपुरा क्षेत्र के मेहंदीपुर, तकीपुर गांवों के निचले हिस्सों में बने घरों में पानी घुस गया है। इससे कई गांवों का संपर्क टूट गया। बिजली के खंभे जमीन पर गिर गये हैं. गांव से होकर गुजरने वाली यूपी-हरियाणा इंटर स्टेट रोड और फलैदा-बाघपुर रोड पानी के कटाव के कारण ध्वस्त हो गई है। जिला प्रशासन ने रास्ता बंद कर दिया है. फलैदा, मेहंदीपुर, तकीपुर, भाईपुर, करौली खादर आदि गांवों की सैकड़ों बीघे फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गई है।गाला चंडीगढ़ के निवासियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है। ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए ग्राम भाईपुर में भोले मंदिर के पास अस्थाई राहत शिविर बनाया गया है। जहां ग्रामीणों के भोजन, दवा व पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गयी है |

India Edge News Desk

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