Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष को झटका, हाई कोर्ट ने सर्वे के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज कीं
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं.
वाराणसी. ज्ञानवापी विवाद में मुस्लिम पक्ष को फिर बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी 5 याचिकाएं खारिज कर दी हैं. इस मामले में हाई कोर्ट ने 1991 के केस की सुनवाई को मंजूरी दे दी है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से 6 महीने के भीतर मामले का जल्द फैसला करने को कहा. साथ ही हाईकोर्ट ने एएसआई को मस्जिद का सर्वे जारी रखने की इजाजत भी दे दी है. हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर निचली अदालत को लगता है कि किसी हिस्से का सर्वे जरूरी है तो कोर्ट एएसआई को सर्वे कराने का आदेश दे सकती है. ‘ इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेच ने यह फैसला सुनाया है।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच स्वामित्व को लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दीं।
#WATCH इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा, "यह फैसला ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि सभी पक्षों को यह कहा गया है कि मामले को 6 महीने में निस्तारित किया जाए और याचिकाओं को खारिज किया है… अगर एक पक्ष पीड़ित है तो उसके लिए ऊपर की अदालत खुली है।" https://t.co/n32comYUHH pic.twitter.com/EpgsWkuUpJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2023
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा, ”यह फैसला एक ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि सभी पक्षों से कहा गया है कि मामले को 6 महीने में निपटाया जाना चाहिए और याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं… ऊपरी अदालत उसके लिए खुली है।”
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी (AIMC) और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दलीलें सुनने के बाद 8 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
गौरतलब है कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखती है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा वाराणसी अदालत के समक्ष मुकदमे पर रोक सहित कई याचिकाएं दायर की गईं। इन सभी याचिकाओं को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.