तुष्टिकरण के खिलाफ ही ईश्वर साहू को टिकट दिया है : डाक्टर रमन सिंह
साजा विधानसभा सीट से ईश्वर साहू को टिकट दिए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बेबाकी से स्वीकार किया है कि हमनें तुष्टिकरण के खिलाफ ही ईश्वर साहू को टिकट दिया है। भाजपा ने साजा विधानसभा सीट से ईश्वर साहू को अपना प्रत्याशी बनाया है।
रायपुर: साजा विधानसभा सीट से ईश्वर साहू को टिकट दिए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बेबाकी से स्वीकार किया है कि हमनें तुष्टिकरण के खिलाफ ही ईश्वर साहू को टिकट दिया है।
भाजपा ने साजा विधानसभा सीट से ईश्वर साहू को अपना प्रत्याशी बनाया है
ईश्वर के नाम की घोषणा के बाद से सियासी गलियारे में इसे भाजपा का छत्तीसगढ़ में हिंदुत्व के कार्ड बताया जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस बात को स्वीकार भी कर लिया। उन्होंने दो टूक कहा कि ईश्वर साहू को राज्य सरकार के तुष्टिकरण के खिलाफ ही टिकट दिया गया है।
पूर्व सीएम डॉ. रमन ने यह बात दूरदर्शन के कॉन्क्लेव में कही
इस कार्यक्रम का आयोजन यहां वीआईपी रोड स्थित एक होटल में किया गया था। कार्यक्रम के दौरान पूर्व सीएम से ईश्वर को टिकट दिए जाने को लेकर सवाल हुआ। इस पर डॉ. रमन ने कहा कि वहां (बिरनपुर में) छत्तीसगढ़ की पहली लव जिहाद की घटना हुई थी। इस घटना में एक निर्दोष की हत्या हो गई। पीड़ित परिवार राज्य सरकार के तुष्टिकरण के खिलाफ अकेले लड़ रही थी। भाजपा भी राज्य सरकार के इस तुष्टिकरण के खिलाफ है। इसी वजह से ईश्वर साहू को पार्टी ने राज्य सरकार के तुष्टिकरण के खिलाफ टिकट दिया है।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. रमन से छत्तीसगढ़ में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भी सवाल हुआ
इस पर डॉ. रमन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सामुहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। वैसे भी भाजपा में चेहरा नहीं योग्यता मापदंड होता है। इस पर फिर सवाल हुआ, क्या कोई ओबीसी मुख्यमंत्री बनेगा। इस पर डॉ. रमन ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा यह विधायक दल तय करेगा, जिसमें योग्यता होगी वही मुख्यमंत्री बनेगा। हम जातपात के आधार पर राजनीति नहीं करते। इस पर फिर डॉ. रमन से सवाल हुआ कि आप 15 साल मुख्यमंत्री रहे हैं आप भी तो योग्य हैं। इस पर डॉ. रमन ने फिर दोहराया कि भाजपा में योग्यता के आधार पर भी पद मिलता ।
दरअसल, ईश्वर साहू उस भुवनेश्वर साहू के पिता है जिसकी इसी वर्ष 8 अप्रैल को हत्या कर दी गई थी। मामला लव जिहाद का था। इसी वजह से वहां दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया था। इसकी वजह से गांव में दो हफ्ते तक कर्फ्यू लगा रहा और दोनों समुदाय के दर्जनों लोगों की गिरफ्तारियां हुईं। इस घटना के 4 दिन बाद गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के बाप बेटे की हत्या कर दी गई थी।