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स्ट्रीट वेंडर को ऋण वितरित करने में प्रथम स्थान पर है उत्तर प्रदेश

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

लखनऊ : शहरों में स्व-रोजगार को बढ़ावा देने में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। पिछले पाँच वर्षों में नगरीय रोजगार के लिए चलाई जा रही प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना में उत्तर प्रदेश पटरी विक्रेताओं (स्ट्रीट वेंडर) को ऋण वितरित करने में देश में प्रथम स्थान पर है। नगरीय विकास विभाग के अनुसार, उप्र में देश में सर्वाधिक – 8 लाख वेंडर्स को ऋण वितरित किये गए, और 12,442 लाभार्थियों को द्वितीय चरण का ऋण भी वितरित किया जा चुका है। ऋण वितरण में लखनऊ व कानपुर देश में अग्रणी शहर हैं।

विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई कार्ययोजना के अनुसार, आगामी 100 दिनों में 55,000 स्ट्रीट वेंडर्स को स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण वितरित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले 5 वर्षों में, कुल 2 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन रेहड़ी पटरी वालों द्वारा सम्पन्न किये गए है।

विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का 24 प्रतिशत शहरों में बसता है, और इस वर्ग का प्रदेश के जीडीपी में 65 प्रतिशत योगदान है। प्रदेश में कुल नगर निकायों की संख्या 734 है, जिनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 517 नगर पंचायत हैं। नगरों के आधुनिकीकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत रु 2160 करोड़ का बजट प्रावधान है, और पिछले पाँच वर्षों में उप्र इस मिशन को लागू करने में देश में प्रथम स्थान पर है। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों में उप्र के 5 शहर देश के शीर्ष 20 शहरों में शामिल हैं। मिशन के अंतर्गत चिन्हित 10 स्मार्ट शहरों में 230 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं जिन पर रु 3552 करोड़ व्यय हुआ है। उप्र 7 नगरों में राज्य स्मार्ट सिटी मिशन लागू करने वाला पहला राज्य है।

आगामी 100 दिनों में, 52 स्मार्ट सिटी परियोजनाएं प्रारंभ की जा रही हैं और 111 चल रही स्मार्ट सिटी योजनाओं पर कार्य पूर्ण हो जाएगा। इस प्रकार, 102 नगर निकायों को स्मार्ट सिटी द्वारा अंगीकृत कर लिया जाएगा।

यही नहीं, प्रधान मंत्री आवास योजना -नगरीय में भी प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अन्य उपलब्धियों में, नगरीय रोजगार हेतु चलाई जा रही प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना में उत्तर प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर, और स्वच्छ भारत मिशन में देश के 6 अग्रणी राज्यों में शामिल है।

कार्ययोजना के अनुसार, आने वाले 6 माह में हैबिटैट सेंटर अलीगढ़ का काम पूरा हो जाएगा और इस अवधि तक 229 स्मार्ट सिटी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, जिन पर कुल व्यय रु 3300 करोड़ है।

आगामी 2 वर्षों में, यानी 2024 तक, 10 स्मार्ट सिटी लक्ष्य के अनुरूप संतृप्त हो जाएंगी और समस्त नगर निकायों में प्रॉपर्टी फ्लोर रेट लागू किया जाएगा। सभी नगर निगमों और अगर पालिकाओं में शत-प्रतिशत अनलाइन म्यूटैशन लागू हो जाएगा।

India Edge News Desk

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