राजेंद्र कुमार राय ने बीजेपी से इस्तीफा देकर जोगी की पार्टी में शामिल हुए, जेसीसीजे से लड़ेंगे चुनाव
बालोद जिले में बीजेपी प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही टूट-फूट का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस से जेसीसीजे और बीजेपी तक का सफर तय करने वाले पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय अब फिर से जोगी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं.

बालोद: बालोद जिले में बीजेपी प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही टूट-फूट का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस से जेसीसीजे और बीजेपी तक का सफर तय करने वाले पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय अब फिर से जोगी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कल विधिवत अपना इस्तीफा सौंप दिया है, अब राजेंद्र कुमार राय फिर से जोगी के राय बन गये हैं. जेसीसीजे ने उन्हें दूसरी बार पार्टी से उम्मीदवार बनाया है. आइए जानते हैं उनकी वो राजनीति जो पार्टियों के बीच बंटती रही. उन्होंने बीजेपी पर आदिवासियों का आरोप लगाया आदिवासी नेता की उपेक्षा का आरोप लगाया है और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
जानिए संक्षिप्त राजनीतिक परिचयपूर्व विधायक राजेंद्र राय राज परिवार के वंशज हैं
राय ने 2011 में अपने पुलिस विभाग के डीएसपी पद से इस्तीफा दे दिया और 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। जहां उन्होंने 72,720 वोट हासिल कर जीत हासिल की और बीजेपी से चुनाव लड़ रहे वीरेंद्र साहू को 21 हजार 280 वोटों के अंतर से हराया। . जिसके बाद जब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाई तो वह जनता कांग्रेस जोगी में शामिल हो गए |
बीजेपी से टिकट की उम्मीद
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव के वक्त बीजेपी से उनके इस्तीफे का सीधा मतलब है कि उन्हें बीजेपी से टिकट की उम्मीद थी. लेकिन बीजेपी ने अपने पुराने उम्मीदवार पर ही दांव खेला जिसके बाद गुंडरदेही विधानसभा में हलचल मच गई. तमाम बड़े चेहरों ने बगावत कर दी और अब एक राजेंद्र राय ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. अब देखना यह है कि आगे कौन सा चेहरा किसका खेल बिगाड़ेगा।
यहां सभी को प्यार मिला।
गुंडरदेही विधानसभा एक ऐसी सीट है जहां जनता ने सभी को बराबर प्यार दिया है। यहां साहू समाज से वीरेंद्र साहू भी विधायक थे. वर्तमान में यहां पर निषाद समुदाय से कुँवर सिंह निषाद विधायक हैं। कंवर आदिवासी समुदाय से आने वाले राजेंद्र राय को भी लोग पसंद करते थे, इसलिए यहां कोई जातीय समीकरण काम नहीं करता |